पॉटरी मिशन

शेखावाटी क्षेत्र में मिट्टी के बर्तनों की कारीगरी का कार्य पहली बार खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार के सहयोग से शुरू किया जा रहा हैं. इसमें मिटटी के बर्तन बनाने वाले कारीगरों को प्रोत्साहित करने एवं उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिए अनेक स्तर के प्रयास किये जा रहे है.  इस परम्परागत व्यवसाय को नवीन तकनीक के सहारे जिन्दा करने का प्रयास किया जा रहा है.

 

31-01-2019/शेखावाटी क्षेत्र के पॉटर्स ने एक बार गौरव से इलाके का मस्तक ऊँचा किया

राजस्थान का शेखावाटी इलाक़ा तथा इसके जांबाज़ नौजवान सदैव ही अपनी खास पहचान बनाने में कभी भी पीछे नहीं रहते हैं. चाहे यह क्षेत्र कोई भी क्यों ना हो, सभी जगह अपना वजूद साबित करने में माहिर इस इलाके के कारीगरों ने फिर एक बार पुरे राजस्थान का पॉटरी कारोबार में परचम लहराने के लिए नवलगढ़ के तीन कारीगरों का चयन खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग ने राष्ट्रीय स्तर का ट्रेनर बनाने के लिए चयन किया है. तथा इन कारीगरों को कर्नाटक के बेलगाम जिले के खाजापुर स्थान पर विशेष प्रशिक्षण के लिए भेजा है. ये नवलगढ़ के निवासी कारीगर है – योगेश कुमार पुत्र श्री तुलसीराम, मनीराम पुत्र श्री परतुराम तथा पंकज कुमार पुत्र श्री बाबूलाला. भले ही इन्होने औपचारिक पढाई कम की हो, परन्तु इनका हुनर इनकी पहचान बन गया है. ध्यातव्य है कि इन तीनो ने कुछ दिन पहले ही गुजरात के मोरबी में राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी जी की प्रतिमा के काम में भी अपने हुनर को साबित किया तथा देशभर में राजस्थान के मिटटी कारीगरों का नाम ऊँचा किया था. हाल ही में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के साथ पंजीकृत हुई कमलनिष्ठा संस्थान ने इन कारीगरों के हुनर को पहचान कर एक नै दिशा देने का बीड़ा उठाया है. जिसका परिणाम आज धीरे धीरे सामने आने लगा है.