कमलवाणी 90.4 रेडियो स्टेशन पहुंचकर हमें जो ख़ुशी हुई, उसको व्यक्त करने के लिये शब्द कम हैं, कि धोरा की धरती के इस धोरे पर वो हो रहा है जो कभी सपना हुआ करता था. आज जब हम कम्युनिटी से जुडी बातें, समस्या और समाधान, विलुप्त होती संस्कृति को सुरक्षित रखने, सजाने व् सँवारने की बातें यहाँ से प्रसारित होते सुनते हैं, तो लगता है कि यह केंद्र एक नया मिशन हमें देगा, जो हमे सकारात्मक ऊर्जा से सराबोर कर हमारी दिशा मोड़ देगा. मैं कमलवाणी रेडियो के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुये चाहता हूँ कि ईश्वर इन सपनों को ऊंची उड़ान प्रदान करे.
मूलचंद मूंड
पनियों की ढाणी, भगेरा
26.02.2013